Happy Makar Sankranti 2025: जानिए कब है मकर संक्राति का त्यौहार और शुभ मुहूर्त

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Makar Sankranti 2025 Date: मकर संक्रांति हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। इस सूर्यदेव दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाते हैं। इसके साथ ही सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है। यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है। वहीं मकर संक्रांति देश के अलग अलग कोने में अलग अलग नामों से जाना जाता है।

उत्तरायण, पोंगल, मकरविलक्कु, माघ और बिहु। हालाँकि, इसके विपरीत यह त्यौहार चंद्रमा की विभिन्न स्थितियों के आधार पर मनाए जाने वाले अन्य हिंदू त्योहारों में से एक है। चंद्र कैलेंडर के बजाय सौर कैलेंडर के अनुसार गणना की जाती है। इस दिन से दिन बड़े होने लगते हैं जबकि रातें छोटी होने लगती हैं, यह पर्व एक संक्रांति पर्व है। इस दिन दिन और रात बराबर होने से वसंत ऋतु का आगमन शुरू हो जाता है। साथ ही तिल, गुड़, खिचड़ी और वस्त्रों का दान करना चाहिए।

सूर्य पूरे साल उत्तरी गोलार्ध और दक्षिणी गोलार्ध में भ्रमण करते हैं, जब सूर्य दक्षिण से उत्तर की ओर संचार करने लगते हैं तब पृथ्वी के दक्षिण गोलार्ध में दिन बड़े और रात छोटी होने लगती है। मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन से सूर्य उत्तरी गोलार्ध में प्रवेश कर जाते हैं, तब से दिन बड़े होने लगते हैं और रात छोटी। सूर्य का उत्तरायण प्रवेष अत्यन्त शुभ माना गया है। क्योंकि इस दिन से पूरे मलमास से रूके हुए विवाह, गृह प्रवेष, यज्ञोपवित संस्कार जैसे मांगलिक व शुभ कार्य पुनः शुरू हो जाते है।

सूर्य जब मकर राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करते हैं तब सूर्य उत्तरी गोलार्ध में होते हैं, वहीं जब सूर्य कर्क राशि से धनु राशि में होते हैं, तब वह दक्षिणी गोलार्ध में होते हैं। इसलिए मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के पर्व को सूर्य का उत्तरायण कहते हैं क्योंकि इस समय सूर्य उत्तरी गोलार्ध में आ जाते हैं।

मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त (Makar Sankranti Shubh Muhurat)

वर्ष 2025 में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) 14 जनवरी 2025, मंगलवार के दिन मनाई जाएगी। मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेगा –

मकर संक्रान्ति – 14 जनवरी 2025
मकर संक्रान्ति पुण्य काल – 09:03 AM से 06:02 PM
अवधि – 08 घण्टे 59 मिनट
मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल – 09:03 AM से 10:52 AM

मकर संक्रांति पर सूर्य पूजा का महत्व (Makar Sankranti 2025)

Makar Sankranti

मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस विशेष दिन पर सूर्य देव उत्तरायण हो जाते हैं। ऐसे में व्यक्ति को इस दिन सूर्य पूजा से कई लाभ हो सकते हैं। मकर सक्रांति पर पूरे विधि-विधान के साथ सूर्य पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। साथ ही इस दिन सूर्य देव की आराधना करने से सूर्य दोष से मुक्ति मिलती है।

इसलिए सबसे पहले सुबह स्नान करके लोटे में लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें। सूर्य देव के बीज मंत्र और आदित्यह्रदय स्त्रोत का पाठ करें। इस दिन भीष्म पितामह ने शऱीर का त्याग किया था। ताकि उनको मोक्ष मिल सके। वहीं इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है

मकर संक्राति पर दान की इतनी महिमा क्यों है? (Makar Sankranti daan 2025)

लाखों लोग इस पर्व पर दान करते है, कहते हैं कि इसकी महिमा को जानने के लिए यक्ष ने धर्मराज युधिष्ठर से प्रश्न किया कि मृत्यु के समय सब यहीं छूट जाता है, सगे-संबंधी, मित्र कोई साथ नहीं दें पाते तब उसका साथी कौन होता है? इस पर युधिष्ठर ने कहा-मृत्यु प्राप्त करने वाले का मित्र दान हैं, वही उसका साथ दे पाता हैं। सुपात्र को या सही व्यक्ति को दिया जाए जो प्राप्त दान को श्रेष्ठ कार्य में लगा सकें, उसी को दिया गया दान श्रेष्ठ होता है। वही पुण्य फल देने में समर्थ होता है।

शास्त्रों में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन दान करने का विशेष महत्व बताया है। वहीं मकर संक्रांति पर तिल और तिल से बनी चीजों का दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन काले तिल का दान करने से शनि देव प्रसन्न होत हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है। इस दिन नए अन्न, कम्बल, घी, वस्त्र, चावल, दाल, सब्जी, नमक और खिचड़ी का दान करना सर्वोत्तम माना जाता है।

अथर्ववेद में बताया गया है इस दिन का महत्व

इसी प्रकार अथर्ववेद में कहा गया है कि- सैकड़ों हाथों से कमाओं और हजारों हाथों से बांट दो। दान कई प्रकार का हो सकता है- अर्थ दान, विद्या दान, श्रम दान, ज्ञान दान, अंग दान, रक्त दान आदि, इनमें से हर एक की अपनी महत्वता है।

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