Corona New Variant JN.1
देश में कोरोना के नए मामलों ने एक बार फिर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक कोरोना के नए सब वैरिएंट के 21 मामलों की पुष्टि हुई है। इस नए सब-वैरिएंट का नाम जेएन-1 है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ में वर्गीकृत किया है। यह तेजी से फैल रहा है। केंद्र सरकार भी नए वैरिएंट को लेकर अलर्ट है।
कोविड के नए स्ट्रेन JN.1 ने भारत समेत दुनिया के कई देशों में एक बार फिर तहलका मचा दिया है। कोरोना के नए वेरिएंट को बेहद संक्रामक माना जा रहा है और देश में अब तक इसके कई मामले सामने आ चुके हैं। हालात को देखते हुए केंद्र सरकार एक्टिव हो गई है और सभी राज्यों को अलर्ट जारी कर दिया है। सरकार ने कोविड को लेकर हाई लेवल मीटिंग की है और सभी अस्पतालों को भी अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। कोविड के नए वेरिएंट JN.1 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
इसके मामले सबसे पहले केरल और फिर तमिलनाडु में मिले थे, जिसके बाद कई अन्य जगहों पर भी संक्रमण फैलने की बात सामने आई है। जिस रफ्तार से कोरोना के नए वेरिएंट के मामले बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए लोगों की चिंता बढ़ गई है।
कोरोना के नए वैरिएंट जेएन-1 ने बेचैनी बढ़ा दी है। देशभर में अब तक जेएन-1 के 21 नए मामले सामने आए हैं। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी.के. पॉल ने मंगलवार (19 दिसंबर) को कोरोना के 500 मामले आए। बीते दो हफ्ते में कोविड से 16 लोगों की मौत हुई है। इन लोगों को पहले से कई गंभीर बीमारी थी। चिंता की बात यह है कि नए वैरिएंट की रफ्तार बढ़ने के साथ अचानक कोरोना के मामलों में भी तेज बढ़ोतरी हुई है।
भारत में कोरोना वायरस इंफेक्शन के 21 मई के बाद सबसे ज्यादा 614 मामले दर्ज किए गए। कोरोना के नए वैरिएंट जेएन-1 के नए मामले तीन राज्यों से आए हैं। इनमें गोवा, केरल और महाराष्ट्र शामिल हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। साथ ही कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है। कोरोना के नए वैरिएंट के खतरे को देख राज्यों के अस्पताल अलर्ट हैं।
कब सामने आया JN.1 का पहला मामला?
कोरोना यह नया वैरिएंट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संक्रमण में बढ़ोतरी का कारण बन रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन, आइसलैंड, स्पेन, पुर्तगाल, नीदरलैंड और हाल ही में चीन सहित अलग-अलग देशों में इसकी मौजूदगी मिली है। अब इस फेहरिस्त में भारत का नाम भी जुड़ गया है। यह सब-वैरिएंट सबसे पहले लक्जमबर्ग में मिला था। यह ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट से आया है। इसका सोर्स पिरोला वैरायटी BA.2.86 है। इसमें स्पाइक प्रोटीन आल्टरेशन हैं जो इसे अधिक संक्रामक और इम्यून सिस्टम को चकमा देने वाला बना देते हैं। जहां तक भारत का सवाल है तो जेएन-1 का पहला मामला 8 दिसंबर को सामने आया था। केरल में 79 साल की एक बुजुर्ग महिला इससे संक्रमित हुई थी।
क्या JN.1 अन्य कोरोना वैरिएंट से ज्यादा संक्रामक या गंभीर है?
JN.1 BA.2.86 से जुड़ा है जो ओमिक्रॉन का एक वंशज है। पिछले साल गर्मियों में इसके कारण कोरोना के मामलों में तेज बढ़ोतरी हुई थी। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, दोनों वैरिएंट लगभग एक जैसे हैं। उनके स्पाइक प्रोटीन में बहुत मामूली अंतर है। स्पाइक प्रोटीन वायरस का वह हिस्सा होता जो इसे मानव कोशिकाओं पर आक्रमण करने की इजाजत देता है। नया वैरिएंट इम्यून सिस्टम को चकमा देने में ज्यादा असरदार है। इसका मतलब है कि इंफेक्शन होने की आशंका भी बढ़ जाती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने क्या कहा?
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार (19 दिसंबर) को ही कोरोना वायरस के ‘जेएन-1’ सब वैरिएंट को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ करार दिया था। साथ ही कहा था कि इससे वैश्विक जनस्वास्थ्य के लिए ज्यादा खतरा नहीं है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह अब ‘ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन शेयरिंग ऑल इन्फ्लुएंजा डेटा’ (जीआईएसएआईडी) से जुड़े बीए.2.86 वंशानुक्रम (लीनिएज) से संबंधित है।
क्या है कोरोना वेरिएंट JN.1 के लक्षण?
वारंवार दिखाया गया है कि केरल में एक 78 वर्षीय महिला में JN.1 वेरिएंट के साथ इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण पाए जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, इसके लक्षण अधिक अलग नहीं होते हैं। यह वेरिएंट लोगों को बुखार, थकान, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द, खांसी, कंजेशन, कुछ मामलों में स्ट्रोइंटेस्टाइनल जैसे लक्षण दिखा सकता है।
कैसे करें बचाव?
किसी भी कोरोना वायरस वेरिएंट से बचाव के लिए संक्रमण को failne se रोकने के लिए हाथों को साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकेंड तक धोना, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना, और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे निवारक उपायों का पालन करना हमेशा महत्वपूर्ण है। अगर आपने अभी तक कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाया है, तो आपको इसे लगवाने की सलाह दी जाती है।
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