Mother’s Day 2024: मां की याद में इस लड़की ने की थी मदर्स डे की शुरुआत, राष्ट्रपति को भी माननी पड़ी बात

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Mother’s Day 2024 | International Mother’s Day

Mother’s Day 2024: भारत, अमेरिका समेत कई देशों में हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। इस दिन माताओं और मदरहुड को सेलिब्रेट किया जाता है। इस साल 12 मई को यह दिवस मनाया जाएगा। इसकी शुरूआत अमेरिकन एक्टिविस्ट एना जार्विस ने की थी। मदर्स डे (Mother’s Day) एक ऐसा दिन जिस दिन बच्चे अपनी मां के सम्मान के लिए उन्हें स्पेशल फील कराते हैं। मां का ऋण कोई भी कभी नहीं उतार सकता है, क्यों मां शब्द ही ऐसा है जिसमें बच्चे का पूरा संसार बसता है। आजकाल भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोग अपनी मां के लिए कई बार वक्त नहीं निकाल पाते और ना ही उनसे मिल पाते हैं, तो मदर्स डे (Mother’s Day) के दिन सभी बच्चे अपनी मां को स्पेशल फील कराने के लिए अलग-अलग गिफ्ट देते है और फूल और अन्य सामान मां को स्पेशल फील कराते हैं।

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हमने जाना कि मदर्स डे (Mother’s Day celebration Hindi) की शुरुआत अमेरिका से प्रारंभ हुई। पाश्चत्य संस्कृति की नकल करते-करते भारत में भी मदर्स डे (Mother’s Day) अपना लिया गया। मदर्स डे बेस्ट तब होता है जब माताओं को उनकी सन्तान उनके त्याग को ध्यान रखते हुए किसी खास एक दिन नहीं बल्कि हर दिन सम्मान दें। माँ का प्रेम हमारे लिए कभी रात-दिन नही देखता बल्कि सदैव बना रहता है। फिर हम क्यों ममता को केवल एक दिन में बांधते हैं? हमें प्रतिदिन उनका सम्मान करना चाहिए। माँ जब हमारे लिये अपना हर दिन देती है तो हम अपने माँ के प्रति प्यार और सम्मान को एक दिन में क्यों बांधें?

अमेरिकन एक्टिविस्ट एना जार्विस ने पहली बार 1905 में मदर्स डे की कल्पना की थी। (International Mother’s day)

एक मां जितना बलिदान अपने बच्चे के लिए करती है, वो बच्चा अपने जीवन में कभी भी उसका हिसाब चुका नहीं सकता। फिर भी अलग-अलग संस्कृतियों में साल में एक विशेष दिवस तय किया जाता है, जिस दिन माताओं और मदरहुड को सेलिब्रेट किया जाता है। भारत, अमेरिका समेत कई देशों में हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। इस साल 12 मई को भारत में मदर्स डे मनाया जाएगा।

मदर्स डे जैसा उत्सव प्राचीन यूनान और रोमन के समय भी था। वहां देवियों के सम्मान में ऐसा त्योहार आयोजित होता था। वर्तमान में, दुनियाभर में जो मदर्स डे उत्सव मनाया जाता है, उसका श्रेय अमेरिकन एक्टिविस्ट एना जार्विस को दिया जाता है। आइए जानते हैं कि सबसे पहले मदर्स डे क्यों मनाया गया था। बाद में एना जार्विस खुद मदर्स डे के खिलाफ क्यों हो गई?

International Mother’s Day

इतिहास से लेकर वर्तमान तक माँ की ममता के अंसख्यों किस्से गवाही देते हैं कि माँ का प्यार औलाद के लिए सबसे लड़ जाने और जान पर खेल कर भी सन्तान को सुख देने के लिए कभी पीछे नहीं हटा। विश्वप्रसिद्ध है कि बल्ब जैसी अद्भुत चीज़ों के आविष्कारक, थॉमस अल्वा एडिसन को स्कूल वालों ने मन्द बुद्धि कहकर निकाल दिया था। यह बात उनकी माँ ने उनसे हमेशा छुपाई और स्वयं घर पर उन्हें शिक्षित किया। वे इस बात को कभी नही जान पाये कि स्कूल से उन्हें क्यों निकाला गया था। बहुत समय पश्चात, कई आविष्कारों के बाद उन्हें स्कूल की डायरी मिली जिसमे लिखा था कि आपका बेटा मंदबुद्धि है वह हमारे स्कूल के लायक नहीं।

गरीब नारी नारी क्या करै, नारी नर की खान।
नारी सेती उपजे नानक पद निरबान।।

– संत गरीबदास जी

अर्थात: नारी की क्या महिमा बताई जाए, नारी तो खान है महापुरुषों की। आशय है कि गुणयुक्त सन्तान होने का श्रेय गरीबदास जी ने नारी को ही दिया है। जो उत्तम गुणयुक्त सन्तान उत्पन्न करती है जैसे प्रह्लाद, ध्रुव, मीराबाई आदि, के बारे में कहा है

मदर्स डे का इतिहास (History of Mother’s Day)

मां ऐन रीव्स की 1905 में मौत के बाद बेटी एना जार्विस ने ‘मदर्स डे’ की कल्पना की। एना को अपनी मां से बेहद लगाव था। वो अपनी मां के साथ ही रहती थी और उन्होंने कभी शादी भी नहीं की थी। अपने बच्चों के लिए माताओं के किए गए बलिदान का सम्मान करने के एक तरीके के रूप में, एना जार्विस ने मदर्स डे (Mother’s Day) की शुरूआत की।

फिलाडेल्फिया के एक डिपार्टमेंट स्टोर से वित्तीय मदद मिलने के बाद, एना ने मई 1908 में वेस्ट वर्जीनिया के एक चर्च में पहला आधिकारिक मदर्स डे समारोह आयोजित किया। पहले मदर्स डे की सफलता के बाद, जार्विस ने इस खास दिवस को राष्ट्रीय कैलेंडर में जोड़ने का संकल्प लिया। इसके लिए उन्होंने अखबारों और प्रमुख राजनेताओं को खत लिखा और तर्क दिया कि अमेरिका के राष्ट्रीय दिवस पुरुष उपलब्धियों के प्रति पक्षपाती हैं।

mother's day

महज चार साल के अंदर 1912 तक कई राज्यों, कस्बों और चर्चों ने मदर्स डे (Mother’s Day) को नेशनल हॉलिडे के रूप में अपना लिया। जार्विस यहीं तक नहीं रुकी। इस दिवस को विश्व स्तर पर पहुंचाने के लिए मदर्स डे इंटरनेशनल एसोसिएशन की स्थापना की गई। आखिरकार 1914 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने आधिकारिक तौर पर मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में स्थापित करने वाले एक समझौते पर साइन कर दिया। जार्विस अपने उद्देश्यों को हासिल करने में कामयाब रहीं, लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद उन्होंने खुद के शुरू किए हुए दिवस को बंद करने की हर संभव कोशिश की।

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कैसे हुई मदर्स डे की शुरुआत: Mother’s Day

मदर्स डे (Mother’s Day) को शुरुआत करने का श्रेय जाता है अमेरिका की ऐना एम जारविस को, ऐना का जन्म अमेरिका के वेस्ट वर्जिनिया में हुआ, ऐना की मां अन्ना एक स्कूल टीचर थी। एक दिन स्कूल में बच्चों को पढ़ाते वक्त उन्होंने बताया कि एक दिन ऐसा आएगा जब मां के लिए एक दिन समर्पित किया जाएगा। ऐना की मां के निधन के बाद, ऐना और उसके दोस्तों ने एक अभियान शुरु किया, जिसमें मदर्स डे (Mother’s Day) के दिन राष्ट्रीय छुट्टी हो ऐसा कहा गया। ऐना इसीलिए ऐसा करना चाहती थी ताकि बच्चे जब तक उनकी मां जिंदा हैं तब तक उनका सम्मान करें और उनके योगदान की सराहना करें। सबसे पहला मदर्स-डे 8 मई 1914 को अमेरिका में मनाया गया, तबसे आज तक मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रुप में मनाया जाता है।

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